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मंगलवार, 12 अप्रैल 2011
कर दो शुरू क्रांति
मुक्त हो गया मिश्र, मुबारक को लगा कर धक्का।
कई देशों को मुक्ति का, संदेश दे दिया पक्का।।
संदेश दे दिया पक्का, अब तो जनता जागे।
बिना तोप ही भ्रष्टाचार, इस देश से भागे।।
कहे यायावर साफ, कर दो शुरू क्रांति।
उठो सारे साथ, मिटा दो सता की भ्रांति।।
1 टिप्पणी:
तरुण भारतीय
1 मई 2011 को 6:08 am बजे
बस शुरुआत हो चुकी है ........ओर वो खुद से ही करनी पड़ेगी
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बस शुरुआत हो चुकी है ........ओर वो खुद से ही करनी पड़ेगी
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